Monday, September 15, 2008

प्रेम की सर्वश्रेष्ठ कविता


आदर्श प्रेम

प्यार उसी जो करना लेकिन कहकर उसे बताना क्या I
अपने को अर्पण करना लेकिन और को अपनाना क्या II

गुन का ग्राहक बनना लेकिन गाकर उसे सुनाना क्या I
मन के कल्पित भावों से औरों को भ्रम में लाना क्या II

लेना सुगंध सुमनों की तोड़ उन्हें मुरझाना क्या I
प्रेम हार पहनाना लेकिन प्रेम पाश पहनाना क्या II

त्याग अंक में पले प्रेम शिशु उसमें स्वार्थ बताना क्या I
देकर ह्रदय ह्रदय पाने की आशा व्यर्थ लगाना क्या II

हरिवंश राय बच्चन